यादें और सपने
मृत्यु अभी जीती नहीं है जीवन अभी हारा नहीं
हर हाल में संघर्ष करेंगे, सपना होगा न्यारा यहीं
हमारे कल और आज पर, कल हमेशा भारी रहेगा
यादें हमें सीख देंगी, पर सपनो से ही कल सजेगा
सोती आंखों ने देखे जो सपने, जागते ही बिखर गए
जागती आंखों के सपने, हमारे उद्यम से संवर गए
शांति को जो ढूंढ़ते हैं, जीवन का सत्य पहचान लें
मृत्योपरांत ही शांति मिलेगी, जीवन संघर्ष है मान लें
जब जो होगा सब देख लेंगे, सहर्ष ही सब झेल लेंगे
अनहोनी की व्यर्थ चिन्ता में जीवन नहीं फिसलने देंगे
हम सब ने सम्पूर्ण सौ वर्षों के जीवन का देखा है सपना
शेष जीवन का पहला दिन है उत्कृष्टता की करें वंदना
चिंता , दुविधा, निराशा, आक्रोश, अहंकार सब निरर्थक
आशा विश्वास स्नेह मेलमिलाप से ही होगा जीवन सार्थक
छोटी सी यह ज़िन्दगी, स्नेह-सौहार्द में अगर हो व्यतीत
भूल कर सारे गिले शिकवे, पीछे छोड़ बीता हुआ अतीत
राजीव 'रंजन'
कामटी, नागपुर
07 जनवरी 2023
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