Tuesday, December 26, 2023
ईश्वर
Thursday, October 5, 2023
मेरी अलमारी
Sunday, September 24, 2023
हम भारत के लोग
Thursday, September 14, 2023
Butterflies - Mother and Daughters by Rajiv 'Ranjan'
रिस्ते - हिन्दी कविता राजीव 'रंजन'
Wednesday, September 13, 2023
In support of laziness
तन्हाई - हिन्दी कविता राजीव 'रंजन'
यादें और सपने - हिन्दी कविता राजीव 'रंजन'
यादें और सपने
मृत्यु अभी जीती नहीं है जीवन अभी हारा नहीं
हर हाल में संघर्ष करेंगे, सपना होगा न्यारा यहीं
हमारे कल और आज पर, कल हमेशा भारी रहेगा
यादें हमें सीख देंगी, पर सपनो से ही कल सजेगा
सोती आंखों ने देखे जो सपने, जागते ही बिखर गए
जागती आंखों के सपने, हमारे उद्यम से संवर गए
शांति को जो ढूंढ़ते हैं, जीवन का सत्य पहचान लें
मृत्योपरांत ही शांति मिलेगी, जीवन संघर्ष है मान लें
जब जो होगा सब देख लेंगे, सहर्ष ही सब झेल लेंगे
अनहोनी की व्यर्थ चिन्ता में जीवन नहीं फिसलने देंगे
हम सब ने सम्पूर्ण सौ वर्षों के जीवन का देखा है सपना
शेष जीवन का पहला दिन है उत्कृष्टता की करें वंदना
चिंता , दुविधा, निराशा, आक्रोश, अहंकार सब निरर्थक
आशा विश्वास स्नेह मेलमिलाप से ही होगा जीवन सार्थक
छोटी सी यह ज़िन्दगी, स्नेह-सौहार्द में अगर हो व्यतीत
भूल कर सारे गिले शिकवे, पीछे छोड़ बीता हुआ अतीत
राजीव 'रंजन'
कामटी, नागपुर
07 जनवरी 2023
Monday, July 24, 2023
शॉपिंग - हिन्दी कविता राजीव 'रंजन'
Wednesday, July 19, 2023
Alone and Lonely by Rajiv 'Ranjan'
Monday, July 17, 2023
Spring by Rajiv 'Ranjan'
Friday, July 7, 2023
सुबह की पहली चाय - हिन्दी कविता राजीव 'रंजन'
सुबह की पहली चाय
राजीव "रंजन" नींद में अलसाये वो गरम चाय की पहली घूंट सरकती गले से जैसे अमृत गागर गई हो फूट तरोताजगी की लहर सी दौड़ उठती बदन में अगली बड़ी चुस्की लेता स्वाद हो मगन मैं भर मस्ती घूंट घूंट में जैसे रुह को सुकून दे जाती सोये शरीर को नींद से धीरे धीरे है जगा जाती गर्म चाय और अखबार का मेल है लाजवाब आनंद और क्या है? खुद ही कहिए जनाब छोटी छोटी खुशियों का है यह जीवन समुचित सिर्फ बड़ी बड़ी के पीछे भागना होगा अनुचित