Saturday, May 24, 2025

सही राह

सही राह 

भारतवर्ष का संविधान ही मिटा सकता है सारे व्यवधान

सदियों बंटे रहे, विदेशियों ने पहनाया परतंत्रता का परिधान

धीरे-धीरे व्यवस्थाएं और समाज बदले, निकल रहा समाधान

सदियों की समस्याएं सुलझती नहीं, कर महज व्याख्यान


हर कोई संविधान छोड़ बना रहा न जाने कौन सा हिंदुस्तान 

लक्ष्य पर निगाह कदम धीरे-धीरे लिए मंजिल का अरमान


समस्याओं को नियम कानून से सुलझाए हमारा संविधान 

जहर भर गया जब सांसों में, कहां फिर एकता का अनुष्ठान


पृथक-पृथक आवाजों ने हिंसा का लिया सहारा देश लहुलुहान 

दुश्मन खड़ा सीमा पर करता आतंकी हमलों का इमकान


युद्ध भेरियां बज चुकीं आतंकियों को पहुंचाना होगा श्मशान 

भारत के लाल उठो, रण की अब तैयारी में दो अपना योगदान

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